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राजस्थान का सामान्य परिचय - Rajasthan GK in Hindi

राजस्थान की स्थिति, विस्तार, सीमाय,सांस्कृतिक विभाजन और

राजस्थान से सबन्धित सामान्य जानकारी: राजस्थान का क्षेत्रफल - 3,42,239 वर्ग कि.मी. है। जो कि देश का 10.41% है और क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का देश में प्रथम स्थान है। 1 नवम्बर 2000 को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ का गठन हुआ और उसी दिन से राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का प्रथम राज्य बना।

राजस्थान का परिचय

राजस्थान शब्द का पहला उल्लेख 7 वी. सदी के बसंन्तगढ़ के लेख में हुआ है। बसंन्तगढ़ लेख सिरोही में है। जबकि मारवाड इतिहास के लेखक मुहणौत नैणसी ने भी अपनी पुस्तक "नैणर्स री ख्यात" में "राजस्थान" शब्द का प्रयोग किया और 19 वी. सदी में कर्नल जम्स टाॅड ने अपनी पुस्तक "एनाॅल्स एंड एटीक्विटिज आफ राजस्थान" मेे राजस्थान षब्द का प्रयोग किया। इस पुस्तक का दूसरा नाम "सैण्ट्रल एंड वेस्टर्न स्टेट्स आफ इंडिया" है। इस पुस्तक का पहली बार हिन्दी अनुवाद राजस्थान के प्रसिद्ध इतिहासकार गोरीषंकर- हीराचंद ओझा ने किया। इसे हिन्दी में "प्राचीन राजस्थान का विश्लेषण" कहते है।

कर्नल जेम्स टाॅड 1818-1821 के मध्य मेवाड़ (उदयपुर) प्रांत में पोलिटिकल ऐजेन्ट थे। उन्होने अपने घोडे़ पर बैठकर घूम-घूम कर इतिहास लेखन किया अतः कर्नल जम्स डाॅड को "घोडे वाला बाबा" के नाम से भी जाना जाता है। जार्ज थामस कर्नल जेम्स टाॅड से पूर्व सन् 1800 ई.में "जार्ज थामस" ने राजस्थान के लिए "राजपुताना" की संज्ञा दी। इस बात का उल्लेख विलियम फ्रेंकलिन की पुस्तक "मिलिट्री मेमोयरी" में आता है।

राजस्थान की स्थिति, विस्तार, आकृति

  • भुमध्य रेखा के सापेक्ष राजस्थान उतरी गोलाद्र्व में स्थित है।
  • ग्रीन वीच रेखा के सापेक्ष राजस्थान पुर्वी गोलाद्र्व में स्थित है।
  • ग्रीन वीच व भुमध्य रेखा दोनों के सापेक्ष राजस्थान उतरी पूर्वी गोलाद्र्व में स्थित है।
  • राजस्थान का क्षेत्रीय विस्तार 342239 वर्ग किलोमीटर है जो भारत के कुल क्षेत्र का 10.41 प्रतिशत है।
  • क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का सबसे बड़ा राज्य है (1 नवम्बर, 2000 को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद)

राजस्थान की स्थिति
  • राजस्थान राज्य भारत के उत्तरी-पश्चिमी भाग में 23० 3' से 30० 12' उत्तरी अक्षांश (विस्तार 7० 9') तथा 69० 30' से 78० 17' पूर्वी देशान्तर (विस्तार 8० 47') के मध्य स्थित है। 
  • राजस्थान का अक्षांशीय अंतराल - 7०9'
  • राजस्थान का देशान्तरीय अंतराल - 8०47'

राजस्थान का विस्तार

  • उत्तर से दक्षिण तक लम्बाई 826 कि. मी. व विस्तार उत्तर में कोणा गाँव (गंगानगर) से दक्षिण में बोरकुण्ड गाँव(कुशलगढ़, बांसवाड़ा) तक है।
  • पुर्व से पश्चिम तक चैड़ाई 869 कि. मी. व विस्तार पुर्व में सिलाना गाँव(राजाखेड़ा, धौलपुर) से पश्चिम में कटरा(फतेहगढ़,सम, जैसलमेर) तक है।

राजस्थान की आकृति

  • राजस्थान की आकृति - विषम कोणीय चतुर्भुज या पतंग के समान।
  • स्थलीय सीमा 5920 कि.मी.(1070 अन्तराष्ट्रीय व 4850 अन्तराज्य)।

कर्क रेखा की राजस्थान में स्थिति 

  • कर्क रेखा रेखा अर्थात 23० 30' उतरी अक्षाश राज्य के दक्षिण में बांसवाड़ा-डुंगरपुर जिलों से गुजरती है। बांसवाड़ा शहर कर्क रेखा से राज्य का सर्वाधिक नजदीक शहर है।
  • कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से होकर गुजरती है - 1. गुजरात 2. राजस्थान 3. मध्यप्रदेश 4. छत्तीसगढ़ 5. झारखण्ड 6. पश्चिम बंगाल 7. त्रिपुरा 8. मिजोरम
  • कर्क रेखा राजस्थान के बांसवाड़ा के मध्य से होकर गुजरती है। डूंगरपूर जिले को स्पर्श करती है।

राजस्थान की सीमाय

  • राजस्थान के साथ सर्वाधिक सीमा- बहावलपुर
  • राजस्थान के साथ न्युनतम सीमा- खैरपुर
  • पाकिस्तान के दो राज्य(प्रांत) राजस्थान से छुते हैं।
  • पंजाब प्रांतसिंध प्रांत
  • रेडक्लिफ रेखा एक कृत्रिम रेखा है।
  • राजस्थान से सर्वाधिक सीमा जैसलमेर(464 कि.मी.) व न्युनतम सीमा बीकानेर(168 कि.मी.) की रेडक्लिफ रेखा से लगती है।
  • रेडक्लिफ के नजदीक जिला मुख्यालय- श्री गंगानगर
  • रेडक्लिफ के सर्वाधिक दुर जिला मुख्यालय- बीकानेर
  • रेडक्लिफ पर क्षेत्रफल में बड़ा जिला- जैसलमेर
  • रेडक्लिफ रेखा पर क्षेत्रफल में छोटा जिला- श्री गंगानगर
  • राजस्थान के केवल अन्तराष्ट्रीय सीमा वाले जिले- 2(बीकानेर, जैसलमेर)
  • राजस्थान के परिधिय जिले - 25
  • राजस्थान के अन्तर्राज्जीय सीमा वाले जिले - 23
  • राजस्थान के केवल अन्तर्राज्जीय सीमा वाले जिले - 21
  • राजस्थान के 2 ऐसे जिले है जिनकी अन्तर्राज्जीय एवं अन्तराष्ट्रीय सीमा है- गंगानगर(पाकिस्तान + पंजाब), बाड़मेर(पाकिस्तान+ गुजरात)
  • राजस्थान के 4 जिले ऐसे है जिनकी सीमा दो - दो राज्यों से लगती है-
  • हनुमानगढ़:- पंजाब + हरियाणाभरतपुर:- हरियाणा + उतरप्रदेशधौलपुर:- उतरप्रदेश + मध्यप्रदेशबांसवाड़ा:- मध्यप्रेदश + गुजरात
👉 राज्स्थान में सबसे पहले सूर्य उदय धौलपुर जिले के सिलाना गाॅंव में होता है। राजस्थान में सबसे बाद में सूर्यउदय जैसलमेर जिले के कटरा गाॅंव में होता है और यही पर सबसे बाद में सूर्यस्त होता है।

👉 राजस्थान में कर्क रेखा बाॅंसवाडा जिले के कुषलगढ़ तहसील से होकर गुजरती है। अतः बांसवाडा जिले में सूर्य की किरणे सर्वाधिक सीधी पड़ती है। जबकी श्री गंगानगर जिला कर्क रेखा से सर्वाधिक दूरी पर स्थित है अतः श्री गंगानगर जिले में सूर्य की किरणे सर्वाधिक तिरछी पडती है।

रेडक्लिफ रेखा


  • रेडक्लिफ रेखा भारत और पाकिस्तान के मध्य स्थित है।
  • रेडक्लिफ रेखा के संस्थापक सर सिरिल एम रेडक्लिफ को माना जाता है। इसकी स्थापना 14/15 अगस्त, 1947 को की गयी। 
  • रेडक्लिफ रेखा की भारत के साथ कुल सीमा 3310 कि.मी. है।
  • रेडक्लिफ रेखा पर भारत के चार राज्य स्थित है। जम्मू-कश्मीर - (1216 कि.मी.) पंजाब - (547 कि.मी.) राजस्थान - (1070 कि.मी.) गुजरात - (512 कि.मी.)
  • रेडक्लिफ रेखा के साथ सर्वाधिक सीमा- राजस्थान(1070 कि.मी.)
  • रेडक्लिफ रेखा के साथ सबसे कम सीमा- गुजरात(512 कि.मी.)
  • रेडक्लिफ रेखा के सर्वाधिक नजदीक राजधानी मुख्यालय- श्री नगर
  • रेडक्लिफ रेखा के सर्वाधिक दुर राजधानी मुख्यालय- जयपुर
  • रेडक्लिफ रेखा पर क्षेत्र में बड़ा राज्य- राजस्थान
  • रेडक्लिफ रेखा पर क्षेत्र में सबसे छोटा राज्य- पंजाब
  • रेडक्लिफ रेखा के साथ राजस्थान की कुल सीमा 1070 कि.मी. है। जो राजस्थान के चार जिलों से लगती है।
  • श्री गंगानगर- 210 कि.मी.बीकानेर- 168 कि.मी.जैसलमेर- 464 कि.मी.बाड़मेर- 228 कि.मी.
  • रेडक्लिफ रेखा राज्य में उत्तर में गंगानगर के हिंदुमल कोट से लेकर दक्षिण में बाड़मेर के शाहगढ़ बाखासर गाँव तक विस्तृत है। 
  • रेडक्लिफ रेखा पर पाकिस्तान के 9 जिले पंजाब प्रान्त का बहावलपुर, बहावलनगर व रहीमयार खान तथा सिंध प्रान्त के घोटकी, सुक्कुर, खेरपुर, संघर, उमरकोट व थारपाकर राजस्थान से सीमा बनाते हैं।

राजस्थान की अन्य राज्य से सीमा

पंजाब (89 कि.मी)

राजस्थान के दो जिलो की सीमा पंजाब से लगती है।तथा पंजाब के दो जिले फाजिल्का व मुक्तसर की सीमा राजस्थान से लगती है।
पंजाब के साथ सर्वाधिक सीमा श्री गंगानगर व न्यूनतम सीमा हनुमानगढ़ की लगती है। पंजाब सीमा के नजदीक जिला मुख्यालय श्री गंगानगर तथा दुर जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ हैं। पंजाब सीमा पर क्षेत्रफल में बड़ा जिला श्री गंगानगर व छोटा जिला हनुमानगढ़ है।

हरियाणा (1262 कि.मी.)

राजस्थान के 7 जिलों की सीमा हरियाणा के 7 जिलों(सिरसा, फतेहबाद, हिसार, भिवाणी, महेन्द्रगढ़, रेवाडी, मेवात) से लगती है। हरियाणा के साथ सर्वाधिक सीमा हनुमानगढ़ व न्युनतम सीमा जयपुर की लगती है। तथा सीमा के नजदीक जिला मुख्यालय हनुमानगढ़ व दुर मुख्यालय जयपुर का हैं। 
हरियाणा सीमा पर क्षेत्रफल में बड़ा जिला चुरू व छोटा जिला झुंझुनू है। मेवात(नुह) नवनिर्मित जिला है। जो राजस्थान के अलवर जिले को छुता है।

उत्तरप्रदेश (877 कि.मी.)

राजस्थान के दो जिलों की सीमा उत्तरप्रदेश के दो जिलों (मथुरा व आगरा) से जगती है। उत्तरप्रदेश के साथ सर्वाधिक सीमा भरतपुर व न्युनतम धौलपुर कि लगती है।
उत्तरप्रदेश की सीमा के नजदीक जिला मुख्यालय भरतपुर व दुर जिला मुख्यालय धौलपुर है। उत्तरप्रदेश की सीमा पर क्षेत्रफल में बड़ा जिला भरतपुर व छोटा जिला धौलपुर है।

मध्यप्रदेश (1600 कि.मी.)

राजस्थान के 10 जिलों की सीमा मध्यप्रदेश के 10 जिलों की सीमा से लगती है। (झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, निमच, अगरमालवा, राजगढ़, गुना, शिवपुरी, श्यौपुर, मुरैना) मध्यप्रदेश के साथ सर्वाधिक सीमा झालावाड़ व न्यूनतम भीलवाड़ा की लगती है। तथा सीमा के नजदीक मुख्यालय धौलपुर व दुर जिला मुख्यालय भीलवाड़ा है।मध्यप्रदेश की सीमा पर क्षेत्रफल में बड़ा जिला भीलवाड़ा व छोटा जिला धौलपुर है।

गुजरात(1022 कि.मी.)

राजस्थान के 6 जिलों की सीमा गुजरात के 6 जिलों से लगती है। (कच्छ, बनासकांठा, साबरकांठा, अरावली, माहीसागर, दाहोद) गुजरात के साथ सर्वाधिक सीमा उदयपुर व न्युनतम सीमा बाड़मेर की लगती है। तथा सीमा के नजदीक जिला मुख्यालय डुंगरपुर व दुर मुख्यालय बाड़मेर है। 
गुजरात सीमा पर क्षेत्रफल में बड़ा जिला बाडमेर व छोटा जिला डूंगरपुर है। राजस्थान के पांच पडौसी राज्य है।- पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात। 
सबसे कम अन्तराज्जीय सीमा बनाने वाला जिला बाडमेर व अधिक झालावाड़ बनाता है। सन् 1800 में जाॅर्ज थामसन ने सर्वप्रथम इस भू-प्रदेश को राजपुताना नाम दिया सन् 1829 में कर्नल जेम्सटाॅड ने अपनी पुस्तक द एनाल्स एण्ड एन्टीक्यूटीज आॅफ राजस्थान में हमारे इस राज्य के लिए राजस्थान, रायथान, रजवाडा नाम दिया था।

राजस्थान का सांस्कृतिक विभाजन

मेवाड़ क्षेत्र - उदयपुर, राजसंमद, भीलवाडा, चितौड़गढ़, प्रतापगढ़मारवाड़ -जोधपुर, नागौर, पाली, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर
दुंढाड़ क्षेत्र - जयपुर, दौसा, टोंक व अजमेर का भाग
हाडौती क्षेत्र - कोटा , बूंदी, बांरा, झालावाड़
शेखावाटी क्षेत्र - चुरू, सीकर, झुन्झुनू
मेवात क्षेत्र - अलवर, भरतपुर
बागड़ क्षेत्र - डूंगरपुर, बांसवाडा एवं 

राजस्थान के प्रतीक चिन्ह

राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी

"राजस्थान का सागवान" "रेगिस्तान का गौरव" अथवा "थार का कल्पवृक्ष" जिसका वैज्ञानिक नाम "प्रोसेसिप-सिनेरेरिया" है। इसको 1983 में राज्य वृक्ष घोषित किया गया। खेजड़ी के वृक्ष सर्वाधिक शेखावटी क्षेत्र में देखे जा सकते है तथा नागौर जिले सर्वाधिक है। 
इस वृक्ष की पुजा विजयाशमी/दशहरे पर की जाती है। खेजड़ी के वृक्ष के निचे गोगाजी व झुंझार बाबा का मंदिर/थान बना होता है। 

खेजड़ी को पंजाबी व हरियाणावी में जांटी व तमिल भाषा में पेयमेय कन्नड़ भाषा में बन्ना-बन्नी, सिंधी भाषा में - धोकड़ा व बिश्नोई सम्प्रदाय के लोग 'शमी' के नाम से जानते है। स्थानीय भाषा में सीमलो कहते हैं। खेजडी की हरी फली-सांगरी, सुखी फली- खोखा, व पत्तियों से बना चारा लुंग/लुम कहलाता है। 

खेजड़ी के वृक्ष को सेलेस्ट्रेना(कीड़ा) व ग्लाइकोट्रमा (कवक) नामक दो किड़े नुकसान पहुँचाते है। वैज्ञानिकों ने खेजड़ी के वृक्ष की कुल आयु 5000 वर्ष मानी है। राजस्थान में खेजड़ी के 1000 वर्ष पुराने 2 वृक्ष मिले है।(मांगलियावास गाँव, अजमेर में) पाण्डुओं ने अज्ञातवास के समय अपने अस्त्र-शस्त्र खेजड़ी के वृक्ष पर छिपाये थे।

खेजड़ी के लिए राज्य में सर्वप्रथम बलिदान अमृतादेवी के द्वारा 1730 में दिया गया।अमृता देवी द्वारा यह बलिदान भाद्रपद शुक्ल दशमी को जोधुपर के खेजड़ली गाँव 363 लोगों के साथ दिया गया। इस बलिदान के समय जोधपुर का शासक अभयसिंग था।अभयसिंग के आदेश पर गिरधरदास के द्वारा 363 लोगों की हत्या कर दी गई।अमृता  देवी रामो जी बिश्नोई की पत्नि थी। 

बिश्नोई सम्प्रदाय द्वारा दिया गया यह बलिदान साका/खडाना कहलाता है। 12 सितम्बर को प्रत्येक वर्ष खेजड़ली दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रथम खेजड़ली दिवस 12 सितम्बर 1978 को मनाया गया था। वन्य जीव सरंक्षण के लिए दिया जाने वाला सर्वक्षेष्ठ पुरस्कार अमृता देवी वन्य जीव पुरस्कार है। 

इस पुरस्कार की शुरूआत 1994 में की गई। इस पुरस्कार के तहत संस्था को 50,000 रूपये व व्यक्ति को 25,000 रूपये दिये जाते है। प्रथम अमृता देवी वन्यजीव पुरस्कार पाली के गंगाराम बिश्नोई को दिया गया। आॅपरेशन खेजड़ा की शुरूआत 1991 में हुई।

राजस्थान का राज्य पुष्प रोहिडा का फुल

रोहिडा के फुल को 1983 में राज्य पुष्प घोषित किया गया। इसे "मरूशोभा" या "रेगिस्थान का सागवान" भी कहते है। इसका वैज्ञानिक नाम- "टिको-मेला अंडुलेटा" है। 

रोहिड़ा सर्वाधिक राजस्थान के पष्चिमी क्षेत्र में देखा जा सकता है।रोहिडे़ के पुष्प मार्च-अप्रैल के महिने मे खिलते है।इन पुष्पों का रंग गहरा केसरिया-हीरमीच पीला होता है। जोधपुर में रोहिड़े को मारवाड़ टीक के नाम से जाना जाता है।
 

राजस्थान का राज्य पशु चिंकारा, ऊँट 

चिंकारा को 1981 में राज्य पशु घोषित किया गया।यह "एन्टीलोप" प्रजाती का एक मुख्य जीव है। इसका वैज्ञानिक नाम गजैला-गजैला है। चिंकारे को छोटा हरिण के उपनाम से भी जाना जाता है।चिकारों के लिए नाहरगढ़ अभ्यारण्य जयपुर प्रसिद्ध है।

राजस्थान का राज्य पशु 'चिंकारा' सर्वाधिक 'मरू भाग' में पाया जाता है। "चिकारा" नाम से राजस्थान में एक तत् वाद्य यंत्र भी है। राजस्थान का राज्यपशु ऊँट- (2014 में घोषित) ऊँट डोमेस्टिक एनिमल के रूप में संरक्षित श्रेणी में और चिंकारा नाॅन डोमेस्टिक एनिमल के रूप में संरक्षित श्रेणी में रखा जाएगा।

राजस्थान का राज्य पक्षी गोेडावण

1981 में इसे राज्य पक्षी के तौर पर घोषित किया गया। इसे ग्रेट इंडियन बस्टर्ड भी कहा जाता है। यह शर्मिला पक्षी है और इसे पाल-मोरडी व सौन-चिडिया भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम "क्रोरियोंटिस-नाइग्रीसेप्स" है।

गोडावण को सारंग, कुकना, तुकदर, बडा तिलोर के नाम से भी जाना जाता है। गोडावण को हाडौती क्षेत्र(सोरसेन) में माल गोरड़ी के नाम से जाना जाता है। गोडावण पक्षी राजस्थान में 3 जिलों में सर्वाधिक देखा जा सकता है।

मरूउधान- जैसलमेर, बाड़मेर सोरसन- बांरा सोकंलिया- अजमेर गोडावण के प्रजनन के लिए जोधपुर जंतुआलय प्रसिद्ध है। गोडावण का प्रजनन काल अक्टूबर-नवम्बर का महिना माना जाता है। यह मुलतः अफ्रीका का पक्षी है।इसका ऊपरी भाग का रंग नीला होता है व इसकी ऊँचाई 4 फुट होती है। इनका प्रिय भोजन मूगंफली व तारामीरा है। गोडावण को राजस्थान के अलावा गुजरात में भी सर्वाधिक देखा जा सकता है।

राजस्थान का राज्य गीत

"केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश।" इस गीत को सर्वप्रथम उदयपुर की मांगी बाई के द्वारा गया।इस गीत को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर की अल्ला जिल्ला बाई के द्वारा गाया गया। अल्ला जिल्ला बाई को राज्य की मरूकोकिला कहते है। इस गीत को मांड गायिकी में गाया जाता है।

राजस्थान का राज्य नृत्य

घुमर (केवल महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य) इस राज्य नृत्यों का सिरमौर (मुकुट) राजस्थानी नृत्यों की आत्मा कहा जाता है। 

राजस्थान अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

26 जनवरी 1950 को संविधानिक रूप से हमारे राज्य का नाम राजस्थान पडा।
राजस्थान अपने वर्तमान स्वरूप में 1 नवंम्बर 1956 को आया। इस समय राजस्थान में कुल 26 जिले थे।
26 वां जिला-अजमेर-1 नवंम्बर, 1956
27 वां जिला-धौलपुर-15 अप्रैल, 1982, यह भरतपुर से अलग होकर नया जिला बना।
28 वां जिला- बांरा-10 अप्रैल, 1991, यह कोटा से अलग होकर नया जिला बना।
29 वां जिला-दौसा-10 अप्रैल,1991, यह जयपुर से अलग होकर नया जिला बना।
30 वां जिला- राजसंमद-10 अप्रैल, 1991, यह उदयपुर से अलग होकर नया जिला बना।
31 वां जिला-हनुमानगढ़-12 जुलाई, 1994, यह श्री गंगानगर से अलग होकर नया जिला बना।
32 वां जिला -करौली 19 जुलाई, 1997, यह सवाई माधोपुर से अलग होकर नया जिला बना।
33 वां जिला-प्रतापगढ़-26 जनवरी,2008, यह तीन जिलों से अलग होकर नया जिला बना।
चित्तौडगढ़- छोटी सादडी, आरनोद,प्रतापगढ़ तहसीलउदयपुर-धारियाबाद तहसीलबांसवाडा- पीपलखुट तहसील
प्रतापगढ जिला परमेशचन्द कमेटी की सिफारिश पर बनाया गया।प्रतापगढ जिले ने अपना कार्य 1 अप्रैल, 2008 से शुरू किया। प्रतापगढ़ को प्राचीन काल में कांठल व देवला/देवलीया के नाम से जाना जाता था।
राजस्थान का गंगानगर शहर पहले एक बड़ा गांव हुआ करता था रामगनगर।
राजस्थान का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला जैसलमेर(38401 वर्ग कि.मी.) है जो भारत का तीसरा बड़ा जिला है( प्रथम- कच्छ, द्वितीय- लदाख या लेह )।
राजस्थान के जैसलमेर जिले को सात दिशाओं वाले बहुभुज की संज्ञा दि है।
राजस्थान के सीकर जिले की आकृति अर्द्धचन्द्र या प्याले के समान है।
राजस्थान के टोंक जिले की आकृति पतंगाकार मानी गई है।
राजस्थान के अजमेर जिले की आकृति त्रिभुजाकार मानी गई है।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले की आकृति घोड़े के नाल के समान है।
राजस्थान के दो जिले खंण्डित जिले हैं-1. अजमेर - टाॅडगढ़ 2. चित्तौड़गढ़ - रावतभाटा

राजस्थान के सामान्य परिचय से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नो का टेस्ट लगाए। 

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